Monday 5 December 2022
- Advertisement -

Sample Page Title

क्या रामानुजाचार्य आदिशेष अर्थात शेषनाग के अवतार थे या भगवान् कृष्ण के? उत्तर इस बात पर निर्भर करता है कि आप दक्षिण भारत के किस प्रांत या संप्रदाय से हैं।

Date:

Surajit Dasgupta
Surajit Dasguptahttp://''
Co-founder and Editor-in-Chief of Sirf News Surajit Dasgupta has been a science correspondent in The Statesman, senior editor in The Pioneer, special correspondent in Money Life, the first national affairs editor of Swarajya, executive editor of Hindusthan Samachar and desk head of MyNation

रामानुजाचार्य आदिशेष के अवतार थे। जब उनका नाम रखने का समय आया तो उनके मामा तिरुमलई नंबी ने उन्हें रामानुज नाम दिया। रामानुज की स्तुति में रामानुज नूतरंददी लिखने वाले तिरुवरंगथु अमुदनार का कहना है कि यह नाम रामानुज गायत्री मंत्र के 108 बार पाठ की पवित्रता के बराबर है। लक्ष्मण को रामानुज भी कहा जाता था, और वे आदिशेष के अवतार थे। इसलिए शेष के अवतार आचार्य को यह नाम दिया गया था। पीटी शेषाद्रि ने एक प्रवचन में कहा कि वैष्णव विद्वानों ने तीन बिंदुओं पर विस्तार से बताया है कि उनका नाम रामानुज क्यों रखा गया था।

वाल्मीकि रामायण के अयोध्या कांड में सर्ग 31, श्लोक 25 में लक्ष्मण राम से कहते हैं, “अहं सर्वं करिश्यामि (मैं आपकी हर तरह की सेवा करूंगा)।” इसी तरह रामानुज ने वेदांत के लिए कल्पनीय हर कार्य को सिद्ध किया। उनके लेखन और शिक्षाओं ने धर्मग्रंथों की अनुचित आलोचना को कुचलने में मदद की और विशिष्टाद्वैत को मजबूती से खड़ा किया।

इसके अतिरिक्त भगवान् कृष्ण को भी रामानुज के नाम से जाना जाता है क्योंकि वे बलराम के छोटे भाई (अनुज) हैं। यही कारण है कि कुलशेखर अज़वार ने अपनी मुकुंदमाला में भगवान् कृष्ण को “रामानुज, जगतरायगुरु” कहा है।

यह भी माना जाता है कि रामानुज का जन्म तिरुवल्लिकेनी के भगवान् पार्थसारथी के आशीर्वाद से हुआ था और इसलिए उन्हें रामानुज नाम दिया गया जो कि कृष्ण का नाम भी है। कलियुग में नम्माऴवार को राम का अवतार माना जाता है। इस कलियुग राम के लिए रामानुज का बहुत सम्मान था। इसलिए, यह उचित था कि उनका नाम रामानुज रखा जाए, अर्थात् राम (नम्माऴवार) के छोटे भाई। कूराताऴवान को आश्चर्य होता है कि उनके जैसे लोगों का क्या भाग्य होता यदि चार अक्षरों वाले रा-मा-नु-ज नाम का सहारा नहीं होता। रामानुज नाम संसार नाम के रोग की औषधि के समान है।

Twitter
WhatsApp
Viber
spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

Vedas Forbidden For Women? What Do Scriptures Say?

How true is the assertion by some traditionalists that the existence of Brahmavadinis in Itihasa does not necessarily mean women have the right to access Vedas?

Rama-Sita: Love That Tore Apart Earth

It was because Rama and Sita loved each other dearly and bore not an iota of doubt about the character of each other that the Ramayana evokes pathos that lasts
[prisna-google-website-translator]