चीन में एक ऐसे शख्स को गिरफ़्तार किया गया है जिस पर आरोप है कि उसने कोविड वैक्सीन की शीशी में saline solution या फिर मिनरल वॉटर डालकर बेचा और करोड़ों रुपये कमा लिए। चीन के अधिकारियों ने फ़र्ज़ी वैक्सीन बेचकर मोटी कमाई करने के आरोप में कोंग नाम के व्यक्ति को गिरफ़्तार कर लिया है।
कुछ ही महीने पहले चीन ने कोविड वैक्सीन से जुड़े अपराधों के ख़िलाफ़ कार्रवाई शुरू की थी। कॉन्ग के गैंग ने नक़ली वैक्सीन बेचकर क़रीब रु० 20 करोड़ 17 लाख कमा लिए। नक़ली कोविड वैक्सीन के उत्पादन और वितरण के लिए अब तक 70 लोगों को चीन में गिरफ़्तार किया गया है। चीनी अधिकारियों ने फ़र्ज़ी वैक्सीन को लेकर कुल 21 केस दर्ज किए हैं।
अधिकांश लोगों ने नक़ली वैक्सीन को बेचने का काम तब शुरू किया जब पिछले साल कोरोनावायरस टीकाकरण शुरू ही किया जा रहा था। कॉन्ग के गैंग ने पिछले साल अगस्त से ही फ़र्ज़ी वैक्सीन बेचना शुरू कर दिया था। इन लोगों ने बोतलबंद पानी या फिर saline solution डालकर फर्जी वैक्सीन की करीब 58,000 ख़ुराक़ तैयार की।
पुलिस को जाँच में पता चला कि पिछले साल से ये लोग नक़ली वैक्सीन बेचने में लगे हुए थे। बाज़ार में नमक के पानी से भरे इंजेक्शन बेचकर इन्होंने मोटा पैसा कमाया है। कोविड वैक्सीन के नाम पर इस गिरोह ने भारी क़ीमत पर नक़ली टीका बेचा और ख़ूब लाभ कमाया।
33 साल के कोंग और उनके दो साथियों ने फ़र्ज़ी वैक्सीन तैयार करने के बाद उसकी पैकेजिंग उसी तरह की जैसी पैकेजिंग असली वैक्सीन की हो रही थी। एक बैच में इन लोगों ने 600 नक़ली वैक्सीन हॉन्ग कॉन्ग भी भेजी थी। इसके बाद उसे अन्य देशों में भी भेजा गया।
17 फरवरी को चीन ने आधिकारिक तौर से इस मामले पर बयान जारी किया है, फर्जी वैक्सीन को लेकर संदिग्ध लोगों की गिरफ़्तारी 25 दिसंबर 2020 को ही हुई थी। चीनी अधिकारियों को यह भी पता चला है कि कई बार तो हॉस्पिटल में बेहद ऊँचे दामों पर इन वैक्सीन्स को बेचा गया।