सिर्फ़ न्यूज़ की रिपोर्ट का असर आज तब देखने को मिला जब उत्तराखंड टिहरी के प्रभारी ज़िला समाज कल्याण अधिकारी की अंतरजातीय व अंतरधार्मिक विवाह प्रोत्साहन योजना के लिए आवेदन की जानकारी वाले प्रेस नोट का सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सख्त संज्ञान लिया। उन्होंने मामले की जाँच के आदेश दे दिए हैं।
जब कि आदेश की ख़बर अन्य सभी समाचार माध्यमों में दो दिन पूर्व केवल सूचना निहितार्थ प्रकाशित हुआ था, केवल सिर्फ़ न्यूज़ ने आदेश से लव जिहाद को बढ़ावा मिलने की आशंका जताई थी।
साथ ही इस समाचार माध्यम ने यह भी कहा था कि यह जिला स्तर के अधिकारियों की ही कारस्तानी लगती है, जिस स्तर पर या तो पुरानी सरकारों के सेवक आज भी मौजूद हैं या फिर ऐसे आमले बैठे हुए हैं जो लकीर के फ़क़ीर हैं, जिन्हें रटी-रटाई बातों के आगे कुछ सूझता नहीं है। रावत के निर्देश से सिर्फ़ न्यूज़ की स्टोरी में जताई गई आशंका इस प्रकार भी सिद्ध हुई क्योंकि स्पष्ट है कि आदेश मुख्यमंत्री के स्तर से नहीं आया था।
मुख्य सचिव ओम प्रकाश को मामले की जाँच के आदेश देकर मुख्यमंत्री ने पूछा कि आखिर किन परिस्थितियों में यह आदेश जारी हुआ। माना जा रहा है कि मामले में प्रभारी जिला समाज कल्याण अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई भी हो सकती है।
टिहरी के प्रभारी जिला समाज कल्याण अधिकारी दीपांकर घिल्डियाल की ओर से जारी प्रेस नोट में अंतरजातीय व अंतरधार्मिक विवाह प्रोत्साहन योजना के लिए आवेदन की जानकारी दी गई है।

इस प्रोत्साहन योजना के तहत उन्होंने बताया कि अंतरधार्मिक और अंतरजातीय विवाह राष्ट्रीय एकता की जागृत रखने और समाज में एकता बनाए रखने में यह योजना काफी सहायक सिद्ध हो सकती है। ऐसे विवाह पर सरकार योजना के तहत 50 हजार रुपये का अनुदान देती है।
समाज कल्याण अधिकारी के इस आदेश से जहाँ किसी के सर पर जूँ तक नहीं रेंगी थी, वहीँ सिर्फ़ न्यूज़ की स्टोरी सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल गई। इसके बाद इसे लेकर राजनीति के तीर छूटने लगे। विषय ने भाजपा सरकार को असहज किया।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में धर्म परिवर्तन कर विवाह की आड़ में सांप्रदायिकता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। राज्य सरकार प्रदेश में किसी भी तरह का तनाव नहीं चाहती। सरकार इसके लिए प्रतिबद्ध है।
उत्तराखंड की रावत सरकार वर्ष 2018 में ही धर्म स्वतंत्रता कानून लागू कर चुकी है। इसमें बलपूर्वक, प्रलोभन से या जानबूझकर विवाह या गुप्त एजेंडे के माध्यम से धर्म परिवर्तन को ग़ैर-ज़मानती अपराध घोषित किया गया है। इस क़ानून के बावजूद अंतरधार्मिक विवाह के लिए प्रोत्साहन राशि को लेकर इंटरनेट मीडिया पर सरकार को किरकिरी झेलनी पड़ी थी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस मामले में मुख्य सचिव को जाँच कराने के आदेश दिए थे।
मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने बताया कि समाज कल्याण सचिव एल फैनई को उक्त प्रकरण की जाँच के आदेश दिए गए हैं। जाँच रिपोर्ट मिलने के बाद इस मामले में आगे कार्यवाही की जाएगी।
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