अगर आपको लगता है कि बॉलीवुड सिंगर कनिका कपूर कोरोनावायरस से जंग जीत चुकी हैं और अब अपने परिवार के साथ समय बिता रही हैं तो शायद आप ग़लत सोच रहे हैं। अब उनकी मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। सोमवार को पुलिस टीम ने महानगर स्थित उनके शालीमार गैलेंट अपार्टमेंट में उन्हें नोटिस दिया जिसके बाद से उन पर कानूनी शिकंजा कसता जा रहा है।
जांच अधिकारी जेपी सिंह का कहना है कि 30 अप्रैल को कनिका का बयान दर्ज किया जाएगा जिसके लिए कानूनी प्रक्रिया शुरू हो गई है। जेपी सिंह का कहना है कि कनिका पूरी तरह स्वस्थ हैं और जांच में सहयोग कर रही हैं। कनिका ने अपने हाथों नोटिस ग्रहण किया।
सिंगर कनिका कपूर के खिलाफ सरोजनी नगर थाने में दूसरों की जान खतरें में डालने सहित आईपीसी की धारा 188, 269 और 270 के तहत केस दर्ज किया गया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने लंदन से आने के बाद खुद को क्वारंटीन नहीं किया और मुंबई से लेकर लखनऊ और फिर कानपुर में पार्टी करती रहीं। कोरोना संक्रमित होने से उनके साथ ही अन्य लोगों की भी जांच का खतरा उत्पन्न हो गया हालांकि उनकी पार्टी में शामिल होने वाले कई लोगों ने खुद को क्वारंटीन कर लिया था।
इससे पहले सिर्फ़ न्यूज़ पर ख़बर चल चुकी है कि कनिका कपूर का भारत में आना, अपने दोस्तों के साथ एयरपोर्ट की स्क्रीनिंग से बच निकलना, उन्हीं दोस्तों के समुदाय द्वारा आयोजित पार्टी में शामिल होना, ऐसे नेता से संबंध रखना जो उस समुदाय के बचाव में अपने पुनर्निर्वाचन को भी दांव पर लगा सकती है इत्यादि एक वृहत षड़यंत्र का अंग हो सकता है।
17 मार्च को कनिका में कोरोना के लक्षण मिले थे जिसके बाद 19 मार्च को उनका सैंपल जांच के लिए भेज दिया गया था। 20 मार्च को उनकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई थी जिसके बाद से उनका इलाज चलता रहा। उनकी रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उन्हें घर भेज दिया गया। जहां उन्होंने खुद को 21 दिनों के लिए क्वारंटीन कर लिया। अब वह स्वस्थ हैं तो पुलिस ने अपनी कार्रवाई शुरू कर दी है।
कनिका कपूर ने स्वस्थ होने के बाद रविवार को सोशल मीडिया पर अपना पक्ष रखा। उन्होंने लिखा, मुझे पता है कि बाहर मेरे बारे में काफी बयान और कहानियां चल रही हैं। मेरे चुप रहने की वजह से इनको और भी बढ़ावा मिला। अब तक मैं शांत थी। इसलिए नहीं कि मैं गलत थी। वास्तव में मुझे अच्छी तरह से पता है कि काफी गलतफहमी थी और मेरे बारे में गलत सूचनाओं का आदान-प्रदान भी हुआ।

आरोप लगा था कि मुम्बई एयरपोर्ट पर ही उन्हें घर में क्वारंटाइन होने की सलाह दी गई थी। पर उन्होंने ऐसा नहीं किया और लखनऊ व कानपुर में कई आयोजन में हिस्सा लिया था। इन समारोहों में कई अफसर, नेता शामिल हुए थे। इस पर काफी हो-हल्ला मचा था। इसके बाद ही सरोजनीनगर थाने में कनिका के खिलाफ स्वास्थ्य नियमों का पालन न करने और सच छिपाने का मुकदमा दर्ज हुआ था। छह अप्रैल को उन्हें पीजीआई से छुट़टी मिली और उन्हें होम क्वारंटाइन कराया गया। क्वारंटाइन की अवधि पूरी होते ही पुलिस ने उनके बयान लेने की कवायद शुरू कर दी थी।
कनिका ने लिखा, ’17-18 मार्च को मुझे लक्षण महसूस हुए और 19 मार्च को मैंने टेस्ट कराया। 20 मार्च को मुझे बताया गया कि मेरा टेस्ट पॉजिटिव आया है। मैं हॉस्पिटल गई और फिर 3 नेगेटिव टेस्ट के बाद मझे डिस्चार्ज कर दिया गया। तबसे अभी तक यानी कि 21 दिन से मैं घर पर ही हूं। मैं डॉक्टर्स और नर्स का धन्यवाद करना चाहूंगी जिन्होंने मेरा पूरा ध्यान रखा। कनिका ने लास्ट में लिखा, ‘किसी इंसान को लेकर नेगेटिव बोलने से सच्चाई नहीं बदल सकती।’