कराची — पाकिस्तान के सिंध प्रांत में इस्लाम में धर्मांतरित होने से पहले दो नाबालिग हिंदू बहनों का कथित रूप से अपहरण कर लिया गया और जबरन शादी करवा दी गई। हिन्दुओं के साथ-साथ ईसाई जैसे अल्पसंख्यक समुदाय घटना के विरोध में देश भर में प्रदर्शन कर रहे हैं।
पंद्रह वर्षीय रीना और उसकी बहन 13 वर्षीय रवीना को होली की पूर्व संध्या पर घोटकी ज़िले में उनके घर से प्रभावशाली कुछ लोगों के एक समूह द्वारा अपहरण कर लिया गया था। अपहरण के तुरंत बाद एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें एक मौलवी को दो लड़कियों की निकाह करवाते हुए दिखाया गया।
बाद में एक और वीडियो सामने आया जिसमें दोनों बहनों ने दावा किया कि उन्होंने खुद इस्लाम कबूला है और किसी ने भी उन्हें शादी करने या शादी करने के लिए मजबूर नहीं किया।
पाकिस्तान में हिंदू समुदाय ने प्रधानमंत्री इमरान खान का देश के अल्पसंख्यकों से किए गए अपने वादों की याद दिलाते हुए घटना के लिए ज़िम्मेदार लोगों के ख़िलाफ़ सख्त कार्रवाई करने का आह्वान किया।
भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्विटर पर कहा कि उन्होंने पाकिस्तान में भारतीय उच्चायुक्त से घटना पर रिपोर्ट भेजने को कहा है।
Mr.Minister @fawadchaudhry – I only asked for a report from Indian High Commissioner in Islamabad about the kidnapping and forced conversion of two minor Hindu girls to Islam. This was enough to make you jittery. This only shows your guilty conscience. @IndiainPakistan
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) March 24, 2019
रविवार दोपहर पाकिस्तान के सूचना मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
पाकिस्तान में हिन्दुओं का हाल
पाकिस्तान के एनजीओ हिंदू सेवा वेलफेयर ट्रस्ट के अध्यक्ष संजेश धनजा ने प्रधानमंत्री खान से इस घटना पर ध्यान देने की अपील की और कहा कि वे साबित करें कि अल्पसंख्यक वास्तव में पाकिस्तान में सुरक्षित हैं।
धनजा ने कहा कि सच्चाई यह है कि अल्पसंख्यक विभिन्न प्रकार के उत्पीड़न के शिकार हैं और युवा हिंदू लड़कियों को बंदूक की नोक पर अगवा करने और इस्लाम में धर्म परिवर्तन करने के लिए मजबूर करने या अधेड़ उम्र के मर्दों से जबरन शादी करवा देने की समस्या सिंध में व्यापक है।
धनजा ने कहा कि हिंदू समुदाय ने घोटकी ज़िले में कई धरने दिए जिसके बाद पुलिस ने अनिच्छा से आरोपी व्यक्तियों के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज की।
हिंदू समुदाय के नेताओं ने दावा किया है कि अभियुक्त इलाके के कोहबर और मलिक जनजातियों के थे। घटना के बाद लड़कियों के भाई द्वारा एक प्राथमिक शिकायत दर्ज की गई जिसमें आरोप लगाया गया कि उनके पिता का कुछ समय पहले अभियुक्तों के साथ विवाद हुआ था और होली की पूर्व संध्या पर वे पिस्तौल से लैस होकर ज़बरदस्ती उनके घर में घुस गए और दोनों बहनों को ले गए।
पाकिस्तान मुस्लिम लीग के कार्यात्मक विधायक नंद कुमार गोकलानी ने सरकार से कानून को तुरंत पारित करने का आग्रह किया। इन्होंने शुरू में जबरन धर्मांतरण के ख़िलाफ़ एक विधेयक लाया था। उन्होंने सरकार से मांग की कि वह उनका बिल स्वीकार करे और बिना किसी देर के विधेयक पास करवाए।
गोकलानी ने कहा कि तथ्य यह है कि दोनों लड़कियों की कम उम्र की पुष्टि की गई है और उनकी शादी भी क़ानूनन अपराध है। वे शादी करने या इस्लाम में धर्मांतरण करने के लिए स्वतंत्र इच्छा नहीं दिखा सकते थे।
घोटकी ज़िले के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “आरोपियों में से एक को गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि पुलिस अन्य को गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी कर रही है।”
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