विवादित वेब सीरीज़ तांडव के निर्देशक अली अब्बास ज़फ़र समेत पाँच लोगों के विरुद्ध मुंबई और उत्तर प्रदेश के लखनऊ में 20 जनवरी को सामुदायिक भावनाओं को चोट पहुँचाने के केस दर्ज किए जाने के बाद यूपी पुलिस की एक टीम अब्बास व लेखक गौरव सोलंकी के मुंबई स्थित घर पहुँची पर दोनों के घर पर ताला लगा था।
पुलिस टीम इसके बाद Amazon Prime Videos के कार्यालय भी जाएगी।
तांडव सीरीज़ के माध्यम से लोगों की भावनाएँ आहत करने की FIR लखनऊ में दर्ज हुई थी। लखनऊ पुलिस ने 17 जनवरी को जाँच में सहयोग के लिए मुंबई पुलिस आयुक्त (सीपी) के कार्यालय से संपर्क किया और फिर निरीक्षक अनिल कुमार सिंह के नेतृत्व में चार सदस्यीय टीम 19 जनवरी रात मुंबई पहुंची।
उत्तर प्रदेश पुलिस अधिकारी अनिल कुमार सिंह ने कहा, ”हमने अली अब्बास को 27 जनवरी को लखनऊ में आईओ (जांच अधिकारी) के सामने पेश होने के लिए कहा है। उनके घर पर ताला लगा था और कोई नहीं था, इसलिए हमने वहाँ नोटिस चिपका दिया।”
पुलिस वेब सीरीज़ तांडव के लेखक गौरव सोलंकी के घर भी पहुंची। सोलंकी के घर ताला लगा मिला। इस पर वहां भी नोटिस चिपका कर लौट गई। नोटिस में सोलंकी को 27 जनवरी को लखनउ में जाँच अधिकारी के सामने पेश होने को कहा गया है।
तांडव निर्माता घर छोड़ भाग गए
उत्तर प्रदेश पुलिस दल वेब सीरीज़ के निर्माता हिमांशु मेहरा के आवास पर भी पहुंचा पर पता चला कि वह परिसर ख़ाली कर जा चुके हैं। पुलिस ने कहा कि वे कहां हैं, इसका पता लगाएंगे। अधिकारियों ने बताया कि मौजूदा पते पर वह अब नहीं रहते हैं।
उत्तर प्रदेश में दर्ज मुआमले पर तांडव के निर्देशक अली अब्बास ज़फ़र को बॉम्बे हाई कोर्ट से राहत मिली है। कोर्ट ने अली अब्बास ज़फ़र को तीन हफ्ते की अग्रिम जमानत दी है। विवादों के बीच Amazon Prime Videos ने तांडव वेब सीरीज़ से आपत्तिजनक दृश्य हटा लिया है।
विवाद के बीच ज़फ़र ने 18 जनवरी को सोशल मीडिया पर मुआफ़ी मांगी थी और कास्ट और क्रू की तरफ़ से बयान जारी कर कहा था कि हम अपने दर्शकों की प्रतिक्रिया पर नज़र बनाए हुए हैं। यह पूरी तरह काल्पनिक कहानी है। हमारी टीम के किसी सदस्य का मक़सद लोगों की भावनाओं को ठेस पहुँचाना नहीं था।
विवाद
तांडव में सैफ़अली ख़ान, डिम्पल कपाड़िया, मोहम्मद ज़ीशान अय्यूब, सुनील ग्रोवर और कृतिका कामरा ने अहम किरदार निभाए हैं। ये सीरीज़ 15 जनवरी को Amazon Prime Videos पर रिलीज़ हुई। रिलीज़ के ठीक बाद सीरीज़ का एक सीन वायरल हुआ जिसमें ज़ीशान भगवान शिव की भूमिका में हैं। हालांकि चेहरे पर एक क्रॉस बना हुआ है, हाथ में त्रिशूल भी है। इस भूमिका में वे गालियाँ भी दे रहे हैं। विवाद इसी सीन से शुरू हुआ।
इसके अलावा इस सीरीज़ पर जे एन यू को वी एन यू बताकर उसके टुकड़े-टुकड़े गैंग को महिमा मंडित करने का आरोप भी लग रहा है।
तांडव की पटकथा को मानें तो देश का तंत्र मुसलमानों को प्रताड़ित करता है और प्रधानमंत्री दलितों के बारे में ओछे विचार रखता है। हालांकि शासक परिवार की कहानी नेहरू-गांधी परिवार से अधिक मेल खाता है, जहाँ इंदिरा गांधी और संजय गांधी के बीच के तनाव को दिखाने की कोशिश हुई है, कहानी में अन्य संकेत ऐसे हैं जैसे कि भाजपा पर टिप्पणी की जा रही है।
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