अधिकारी ने बताया कि इस बैठक में रुपये पर कायम दबाव तथा वस्तुओं के व्यापार में देश को हो रहे घाटे को दूर करने के तरीकों पर चर्चा की जाएगी।
इस बैठक का महत्व ऐसे समय में बढ़ जाता है जब बुधवार को शुरुआती कारोबार में रुपया गिरकर पहली बार 73 रुपये प्रति डॉलर को भी पार कर गया। इससे देश का आयात खर्च बढ़ेगा और व्यापारिक घाटा बढ़ेगा।
व्यापार घाटा जुलाई महीने में पांच साल के उच्च स्तर 18.02 अरब डॉलर पर था। हालांकि यह अगस्त में मामूली कम होकर 17.4 अरब डॉलर रहा था।
चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-अगस्त अवधि के दौरान जहां देश का निर्यात 16.13 प्रतिशत बढ़ा है वहीं आयात इस दौरान 17.34 प्रतिशत बढ़ गया है।
इस साल की शुरुआत से अब तक रुपया 13 प्रतिशत से अधिक गिर चुका है।