7 नवंबर 2020 को बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए को 120 से 127 और विपक्ष को 71 से 81 सीटें देने वाले दैनिक भास्कर के अलावा कोई भी एग्ज़िट पोल (exit poll) सही नहीं निकला। ऐसा बार-बार होता है। क्या भारत में exit polls को प्रतिबंधित या नियंत्रित करना चाहिए? क्या exit polls ईमानदारी से किए गए काम के बजाय कुछ लोगों या पार्टियों को ख़ुश करने की कोशिश है? भारत के बाहर, ख़ास कर पाश्चात्य में, चुनाव के असली परिणाम exit polls से बहुत भिन्न क्यों नहीं आते? क्या पैसों की कमी एक कारण है? या फिर, यदि यह विज्ञान है तो इसके अच्छे और घटिया, दोनों तरह के ‘वैज्ञानिक’ हैं?
Psephology की विश्वसनीयता पर बहस करने के लिए पैनल में वरिष्ठ पत्रकार विजय राणा और अनुभवी psephologist पीयूष श्रीवास्तव व राजनीतिक विश्लेषक अखिलेश गौतम और राकेश सिंह परमार थे। सिर्फ़ न्यूज़ के मुख्य संपादक सुरजीत दासगुप्ता ने इस शो की एंकरिंग की।
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