नई दिल्ली — शौक़िया इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की प्रशासक समिति से दिये अपने त्यागपत्र में कोच के चयन में कप्तान विराट कोहली की भूमिका पर सवाल उठाने के साथ ही सुनील गावस्कर, सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ के कथित हितों के टकराव पर सवाल खड़े किये हैं।
अपने पत्र में उन्होंने पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को तीनों प्रारूपों में नहीं खेलने के बावजूद ‘ग्रेड ए’ का अनुबंध देने पर भी सवाल उठाया है। सीओए के प्रमुख विनोद राय को भेजे गये सात पेज के अपने पत्र में गुहा ने बीसीसीआई सीईओ (राहुल जौहरी) और बीसीसीआई पदाधिकारियों (अमिताभ चौधरी) का कोहली-कुंबले के बीच मतभेदों के मामले से ‘बेहद असंवेदनशील और गैरपेशेवर तरीके’ से निबटने पर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने सीओए पर ‘चुप्पी साधे रखने और निष्क्रिय बने रहने’ का आरोप लगाया और दावा किया कि पैनल ‘दुर्भाग्य से इस मामले में सहभागी की भूमिका’ निभा रहा है।
गुहा ने इसके साथ ही अपने स्थान पर एक पूर्व क्रिकेटर के तौर पर जवागल श्रीनाथ को प्रशासकों की समिति में रखने की सिफारिश भी की है। गुहा ने उच्चतम न्यायालय के सामने कहा था कि वह निजी कारणों से सीओए से हट रहे हैं, लेकिन अपने पत्र में उन्होंने भारतीय क्रिकेट के कर्ताधर्ताओं से कई असहज सवाल किये हैं। उन्होंने कोच और यहां तक कि कमेंटेटर पैनल की नियुक्ति जैसे महत्वपूर्ण मसलों पर कोहली की ‘वीटो शक्ति’ पर सीधे सवाल उठाया है। इससे यह भी स्पष्ट हो जाता है कि कुंबले और कोहली का विवाद वास्तविकता है।

गुहा ने लिखा है, ‘‘अगर वास्तव में कप्तान और मुख्य कोच के बीच मतभेद थे, तो फिर मार्च के आखिर में ऑस्ट्रेलिया श्रृंखला समाप्त होने तुरंत बाद इस पर गौर क्यों नहीं किया गया? इसे आखिरी क्षण तक क्यों छोड़ दिया गया, जबकि एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट बेहद करीब था| जबकि अनिश्चितता कोच, कप्तान और टीम के मनोबल और एकाग्रता को प्रभावित कर सकती है। ”
उन्होंने कहा, ‘‘यह निश्चित तौर पर सीनियर खिलाड़ियों में यह धारणा पैदा कर रहा है कि वे कोच को लेकर वीटो शक्ति रख सकते हैं, जो कि सुपरस्टार संस्कृति का एक और उदाहरण है। इस तरह की वीटो शक्ति किसी भी अन्य देश में किसी भी अन्य खेल की किसी भी शीर्षस्तरीय पेशेवर टीम को नहीं दी जाती है। ” गुहा ने कोहली पर अपरोक्ष कटाक्ष करते हुए लिखा है कि आज खिलाड़ी कोचों और कमेंटेटरों (हर्ष भोगले को कमेंटरी के दौरान विराट कोहली की आलोचना करने पर बर्खास्त किया गया था) की नियुक्ति से संबंधित मसलों पर हस्तक्षेप कर रहे हैं| कल हो सकता है कि वे पदाधिकारियों को लेकर अपना पक्ष रख सकते हैं।
गुहा ने पूर्व कप्तान सौरव गांगुली को भी सवालों के घेरे में ला दिया है जो टीवी पर विशेषज्ञ होने के साथ ही बंगाल क्रिकेट संघ के वर्तमान अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने कहा, ‘‘राज्य संघों में भी हितों का टकराव बड़े पैमाने पर है। एक पूर्व मशहूर क्रिकेटर को मीडिया हाउस सक्रिय खिलाड़ियों पर टिप्पणी करने के अनुबंधित किया है जबकि वह राज्य संघ का अध्यक्ष (गांगुली) भी है।’’
You must log in to post a comment.