वाराणसी — आगामी 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिव्यांगजन सशक्तिकरण समारोह के लिए अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी आ रहे हैं। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री लगभग 8 हज़ार दिव्यांगों को उनके ज़रूरत के उपकरण बांटकर विश्व रिकॉर्ड बनाएंगे। “दिव्यांग” मोदी द्वारा विकलांगों को दिया गया नाम है।

डीरेका मैदान में होने वाले पीएम के कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए ज़िला प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है। सुरक्षा के चाक-चौबंद व्यवस्था के साथ दिव्यांगों के सुविधा अनुसार तैयारी चल रही है।
प्रधानमंत्री के 22 जनवरी के कार्यक्रम में डीरेका इंटर-कॉलेज के मैदान में क़रीब 20 हज़ार लोगों के बैठने की व्यवस्था रहेगी। विशेष उपकरण पाने वाले 9,296 दिव्यांगों के साथ ही उनके एक-एक अभिभावक को भी शामिल होने का अवसर मिलेगा। ज़िले के 8 ब्लॉक मुख्यालय, नगर निगम से दिव्यांगों को समारोह स्थल तक लाने के लिए 350 बसों का इंतज़ाम है। दिव्यांगों के लिए 20 हज़ार लंच पैकेट तैयार किये जाएंगे। सभास्थल पर अलग-अलग ब्लॉक में दिव्यांगों के बैठने की व्यवस्था रहेगी।
अपने इस दौरे में पीएम लगभग 8 हज़ार दिव्यांगों को उपकरण बाटेंगे। ये संख्या और भी बढ़ सकती है। इस आयोजन के लिए एक ओर जहां डीरेका मैदान में उपकरणों का निर्माण हो रहा है, वहीं कार्यक्रम के लिए पीएम का मंच और दिव्यांगों को बैठने के लिए पंडाल निर्माण की तैयारी भी चल रही है।
इस सशक्तिकरण समारोह के अंतर्गत दिव्यांगों को ये सामान मुहय्या कराए जायेंगे —
- 9,296 दिव्यांगों का सम्मान,
- 9,096 को रु० 6.79 करोड़ के उपकरण,
- 3,600 को ट्राईसाइकिल,
- 750 को व्हीलचेयर,
- 1,500 दिव्यांगों को हियरिंग एड,
- 80 दिव्यांगों को रु० 81 लाख का ऋण,
- 70 को कौशल प्रमाण पत्र।
कार्यक्रम स्थल पर दिव्यांगों के लिए मंच के ठीक सामने डी एरिया तैयार किया जा रहा है, जहां लगभग दस हज़ार दिव्यांगों को बैठने की व्यवस्था की गयी है। मंच के दायीं ओर आमजन के बैठने के लिए और बायीं ओर उपकरण रखने का स्थान बनाया गया है। पीएम का मंच 8 फीट ऊंचा, 60 फीट लम्बा और 24 फीट चौड़ा है। दिव्यांगों के लिए मंच पर रैंप भी बनाया जा रहा है। मौसम के बदलते मिजाज़ को देखते हुए मंच को वाटरप्रूफ बनाने की तैयारी शुरू हो गयी है। हालांकि पीएम के मंच की अंतिम रुपरेखा एसपीजी तय करेगी।
दिव्यांगजन सशक्तिकरण समारोह के लिए दिव्यांगों को पहले से ही चिन्हित कर लिया गया है। वहीं जो दिव्यांग बचे हैं, उनका रजिस्ट्रेशन डीरेका में कैंप लगाकर किया जा चुका है। सोमवार को ब्लॉक स्तर पर और नगर निगम में भी कैंप लगाकर दिव्यांगों का रजिस्ट्रेशन किया गया, ताकि अधिक से अधिक दिव्यांगों को इस उपकरण वितरण कार्यक्रम से लाभ मिल सकें। कार्यक्रम स्थल तक दिव्यांगों को पहुंचाने के लिए बस की व्यवस्था की गयी है। प्रशासन ने ग्रामीण और शहरी इलाकों से दिव्यांगों को कार्यक्रम स्थल तक लाने और वापस पहुंचाने के लिए बसों का इंतज़ाम किया है।

हमने प्रधानमंत्री द्वारा तोह्फ़े मिलने की ख़बर से विभिन्न दिव्यांग स्कूलों में ख़ुशी की लहर व्याप्त देखी।
एक अद्भुत आनंद का एहसास हो रहा है। कार्यक्रम से हमें भी दिव्यांगों की सेवा का मौक़ा मिल रहा है।
— ट्राईसाइकिल सही कर रहे बाल मुकुंद
हमें ‘दिव्यांग’ नाम पाकर सम्मानित महसूस कर रहे हैं। आज से पहले हमने प्रधानमंत्रीजी को “मन की बात” में रेडियो पर सुना था।
— राजकुमार
समाज में विकलांग उपेक्षित हैं; नए सम्बोधन “दिव्यांग” से नवीन ऊर्जा मिली है।
— हनुमान दास पोद्दार, अंध विद्यालय के छात्र
सुरक्षा और अन्य व्यवस्था को देखने के लिए जिले के आलाधिकारी लगातार डीरेका कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण कर रहे हैं। सुरक्षा की दृष्टि से कार्यक्रम स्थल पर सीसीटीवी कैमरे लगा दिए गए हैं। वहीं सोमवार को पीएम की सुरक्षा के लिए एसपीजी की 26 सदस्यीय टीम भी वाराणसी पहुँच गयी है। यहां पहुँचने के साथ ही टीम ने एयरपोर्ट परिसर और बीएचयू हैलीपैड स्थल का निरीक्षण किया। टीम ने जिले के आलाधिकारियों के साथ बैठक कर तैयारियों का जायज़ा भी लिया।
विशेष — 5 वर्ष की आयु का एक दिव्यांग बालक cochlear implant surgery की बदौलत जीवन के इतने सालों के बाद सुन पा रहा है और कुछ शब्द बोल पा रहा है। प्रधानमंत्री ने उसे इस शल्य चिकित्सा के लिए रु० 3 लाख की मदद राशि दी थी। वह बालक अब मोदी से मिलना चाहता है।