केरल का एक छोटा-सा गांव। ठीक वैसा जैसा प्रियदर्शन की फिल्मों में होता है। गांव के लोग भी वैसे ही टेढ़े-बांके। इन्हीं में से एक है जैसन। पेशे से दर्जी जिसे अमेरिका जाकर खूब पैसा कमाना है। एक दिन वह लड़की उसे छोड़ देती है जिससे वह प्यार करता है। जैसन पर बिजली गिरती है। अरे, सचमुच वाली बिजली, आसमान से। और उसके अंदर आ जाती है सुपर पॉवर। अब वह बन जाता है सुपरहीरो मिन्नल मुरली और लोगों की भलाई में जुट जाता है। लेकिन उसी रात बिजली किसी और पर भी तो गिरी थी। उसका क्या हुआ?
देसी सुपरहीरो वाली इस फिल्म में हॉलीवुडिये स्पाइडर मैन, सुपर मैन से अलग एक अपनापन है जो पूरी फिल्म में लगातार महसूस होता है। लिखने वालों ने इस कहानी में सिर्फ सुपरहीरो के कारनामे ही नहीं बल्कि आपसी प्यार, धोखा, पारिवारिक मूल्य, नैतिकता के साथ-साथ थ्रिल और कॉमेडी के तत्व भी भरपूर डाले हैं और इसी वजह से यह फिल्म देखते हुए दर्शक को आनंद आता है। यह आनंद ही इसके सार्थक सिनेमा होने की पहचान है।
बासिल जोसेफ का निर्देशन सधा हुआ है। टोविनो थामस समेत हर किसी का काम बढ़िया है। नेटफ्लिक्स पर यह मूल मलयालम समेत कई भाषाओं में रिलीज हुई है। हिन्दी के दर्शकों को इसे देख कर केरल के गांवों के रहन-सहन और लोगों के बारे में भी पता चलेगा। बच्चों, बड़ों, सब को पसंद आएगी यह फिल्म, देख लीजिए।
दीपक दुआ
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