नई दिल्ली — सर्वदलीय बैठक से ठीक पहले केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के आवास पर अहम बैठक समाप्त हो गयी है। चीन और कश्मीर के मसले पर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक से पहले यह केंद्र सरकार की एक अहम बैठक बताई जा रही है।
दरअसल सोमवार से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र से पहले सरकार ने विपक्ष को विश्वास में लेने के लिए यह कदम उठाया है। इसी मध्य राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल जुलाई महीने के आखिर में ब्रिक्स देशों के एनएसए स्तर की मीटिंग में हिस्सा लेने के लिए चीन जा रहे हैं। इस साल ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की मेजबानी चीन करने वाला है। उसी पृष्ठभूमि में एनएसए स्तर की मीटिंग का आयोजन होने जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार सर्वदलीय बैठक में प्रमुख विपक्षी दलों के नेताओं को आमंत्रित किया गया है। इसमें सरकार के दोनों वरिष्ठ मंत्री राजनाथ और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज चीन से गतिरोध व कश्मीर के ताजा हालात को लेकर अब तक उठाए गए कदमों की जानकारी देंगे।
संसद सत्र से पहले सरकार चाहती है कि सबसे बड़े पड़ोसी देश व कश्मीर मसले से निपटने की सर्वसम्मत रणनीति बन जाए। चीन के साथ ताजा विवाद सिक्किम के डोकलाम में भारत, चीन व भूटान के ट्राईजंक्शन की स्थिति में चीन द्वारा बदलाव से पैदा हुआ है। चीन वहां सड़क बनाना चाहता है।
तीन हफ्ते से वहां दोनों देशों के बीच गतिरोध बना हुआ है। वहीं जम्मू-कश्मीर में सोमवार को आतंकियों ने सात अमरनाथ यात्रियों की हत्या कर दी थी। केंद्र सरकार इसके बाद उत्पन्न हालात व सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी विपक्ष को देना चाहती है।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी समेत विपक्षी नेता इन दोनों मामलों को लेकर लगातार पीएम मोदी व सरकार पर लगातार निशाना साध रहे हैं। बुधवार को भी जारी बयान में राहुल ने कहा था कि पीएम मोदी ने भाजपा-पीडीपी गठबंधन कायम रखने के अल्पावधि लाभ के कारण देश की सुरक्षा से समझौता किया है। इससे बेगुनाह नागरिकों को बलिदान देना पड़ा।
विपक्ष को जवाब देंगे राजनाथ और सुषमा
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज विपक्ष के आरोपों-प्रत्यारोपों पर सरकार के क़दमों और प्रयासों की जानकारी देंगे। सुषमा ने इसके लिए लोकसभा व राज्यसभा में विपक्षी पार्टियों के प्रतिनिधियों को बैठक में आमंत्रित किया है। यह बैठक शुक्रवार शाम चार से पांच बजे के मध्य राजनाथ सिंह के आवास 17 अकबर रोड पर होने की संभावना जताई जा रही है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार मानसून सत्र से ठीक पहले विपक्ष को अमरनाथ हमले और चीन के साथ हुए विवाद पर शांत करने का प्रयास करना चाहती है।
विपक्ष लगातार देश में कानून व्यवस्था को लेकर केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहा है। हाल ही में चीन से विवाद, पश्चिम बंगाल का बसीरहाट/दर्जिलिंग, जम्मू कश्मीर में अमरनाथ हमला और घाटी में आए दिन हो रहे विरोध, राजस्थान में कुख्यात गैंगस्टर आनंदपाल को लेकर चल रहे प्रदर्शन, मंदसौर में किसानों की मृत्यु और जीएसटी को लेकर देश में हो रहे प्रदर्शन पर केंद्र को घेरने की रणनीति बना रहा है।
इसके चलते सरकार की तरफ से वरिष्ठ मंत्रियों राजनाथ सिंह और सुषमा स्वराज को इसके तोड़ के लिए उतारा गया है। सरकार चाहती है कि सत्र से पहले विपक्ष को सरकार द्वारा उठाये गए कदमों की विस्तृत जानकारी विपक्षी दलों को दी जाए।
You must log in to post a comment.