पश्चिम बंगाल में भाजपा और सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के बीच दांवपेंच के बीच 10 दिसंबर को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के काफिले पर हमले के दौरान सुरक्षा का दायित्व जिन IPS अधिकारियों पर था, उन्हें केंद्र ने प्रतिनियुक्ति (डेपुटेशन) पर दिल्ली बुलाने का आदेश तो जारी कर दिया था, पर इस आदेश को ममता बनर्जी की सरकार ने न केवल अनसुना किया बल्कि 29 दिसंबर को उन अधिकारियों में एक राजीव मिश्रा को प्रमोशन भी दे दिया।
मिश्रा दक्षिण बंगाल पुलिस ज़ोन में महानिरीक्षक (IG) थे। उन्हें यहीं अपर पुलिस महानिदेशक (ADG) बना दिया गया है। डायमंड हार्बर जिला पुलिस अधीक्षक भोलानाथ पांडेय को SP होमगार्ड के पद पर ट्रांसफ़र किया गया। एक अन्य IPS डीआईजी प्रवीण कुमार त्रिपाठी अब भी वहीं तैनात हैं। राजीव मिश्रा के साथ-साथ पांडेय और त्रिपाठी भी नड्डा की सुरक्षा व्यवस्था में तैनात थे।
केंद्र ने प्रतिनियुक्ति पर बंगाल से वापस बुलाया था
बंगाल में हुए नड्डा के काफ़िले पर पथराव के बाद इन तीनों अधिकारियों को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 16 दिसंबर को केंद्र में डेपुटेशन पर बुलाया था। इनमें से मिश्रा को ITBP, पांडे काे ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट (BPR & D) और त्रिपाठी को SSB में भेजा गया था, लेकिन ममता सरकार ने इनमें से किसी को रिलीव नहीं किया।
भाजपा ने ‘उकसावे’ वाला क़दम बताया
मिश्रा को प्रमोशन दिए जाने के फ़ैसले को भाजपा नेता शाहनवाज़ हुसैन ने ‘उकसावे वाला क़दम’ बताया है। उन्होंने पूछा कि जिस अधिकारी पर नड्डा के काफ़िले पर हमले को लेकर कार्यवाही होनी चाहिए थी, उन्हें प्रमोशन दिया गया है। यह एक तरह से संकेत है कि भाजपा नेताओं पर हमला करने वालों को ईनाम मिलेगा।
कुछ विधायकाें काे ‘ख़रीद’ सकते हैं, तृणमूल कांग्रेस काे नहीं : ममता
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि भाजपा कुछ विधायकाें काे “ख़रीद” सकती है, तृणमूल कांग्रेस काे नहीं। बाेलपुर में 29 दिसंबर काे रैली में उन्हाेंने कहा कि जब तक जनता का समर्थन तृणमूल काे मिल रहा है, तब तक दलबदल से काेई फ़र्क़ नहीं पड़ने वाला।
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