नई दिल्ली — उपद्रवी यात्रियों को हवाई यात्रा से रोकने के लिए जुलाई माह के पहले सप्ताह में नो-फ़्लाइ सूची के मानदंडों के तैयार होने की उम्मीद है। केंद्र सरकार ने एयर इंडिया कर्मचारी के साथ शिवसेना सांसद रवींद्र गायकवाड़ की कथित मारपीट के बाद इस प्रकार की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए मौजूदा नियमों में बदलाव कर इन्हें सख्त करने का प्रस्ताव दिया है।
यात्रियों, क्रू व विमान की सुरक्षा के लिए बुरा व्यवहार करने वाले यात्रियों से निपटने के तरीक़े पर सिविल एविएशन रिक्वायरमेंट (सीएआर) संशोधित किया जा रहा है। हितधारकों की राय लेने के बाद संशोधित सीएआर को अंतिम रूप दिया जाएगा। नागर विमानन मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार नो-फ़्लाइ सूची से संबंधित सीएआर के जुलाई के पहले हफ्ते में अधिसूचित होने की उम्मीद है।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय मई माह में ही बुरा व्यवहार करने वाले यात्रियों पर तीन महीनों से लेकर अधिकतम दो साल तक हवाई यात्रा प्रतिबंधित करने के संशोधनों का प्रारूप जारी कर चुका है। प्रस्तावित सीएआर में बुरे व्यवहार को तीन श्रेणियों में परिभाषित किया गया है। पहले स्तर के तहत बुरे बर्ताव में बाधा डालने वाले व्यवहार को रखा गया है| दूसरे स्तर में शारीरिक रूप से अपमानजनक व्यवहार रखा गया है और तीसरे स्तर में जान को खतरे में डालने वाला व्यवहार रखा गया है।
हाल ही में तेलुगु देसम पार्टी (टीडीपी) के सांसद जेसी दिवाकर रेड्डी और उनके समर्थकों पर भी विशाखापत्तनम हवाई अड्डे पर हंगामा और मारपीट का आरोप लगा है। इसके बाद घरेलू विमानन कंपनियों ने रेड्डी की हवाई यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया है। रेड्डी आंध्र प्रदेश के अनंतपुर क्षेत्र से सांसद हैं| केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री अशोक गजपति राजू भी टीडीपी से ही सांसद हैं।
इस साल शिवसेना सांसद रवींद्र गायकवाड़ मामले के बाद यह दूसरा मौक़ा है जब घेरलू विमानन कंपनियों ने एकजुटता दिखाते हुए सांसद की हवाई यात्रा पर रोक लगाई है। शिवसेना सांसद रवींद्र गायकवाड़ ने भी एयर इंडिया के एक अधिकारी के साथ मारपीट की थी। उन्हें इस हरकत के लिए प्रतिबंधित भी किया गया था।
मसौदा मानदंडों के अनुसार इस तरह के यात्रियों का एक डाटाबेस तैयार किया जाएगा जिससे बुरा व्यवहार करने वाले यात्रियों की एक राष्ट्रीय नो-फ़्लाइ सूची बनाई जाएगी। एमएचए द्वारा चिन्हित राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ख़तरनाक व्यक्तियों को भी राष्ट्रीय नो-फ़्लाइ सूची में डाला जाएगा। विमान कंपनियां व्यक्तियों को उनके नाम व राष्ट्रीय नो-फ़्लाइ सूची में उनका नाम डाले जाने का कारण भी स्पष्ट करेंगी।
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