कोझिकोड — केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने निशक्तजनों के लिए 3-दिवसीय मददगार एवं सहायक उपकरण वितरण शिविर का आज उद्घाटन किया। इसमें शारीरिक रूप से अपाहिज लोगों को ट्राइसाइकिल, व्हीलचेयर, कृत्रिम अंग, कैलिपर्स, तख्ता, सीपी चेयर, छड़ी, स्मार्ट केन, डेजी प्लेयर, सीडी प्लेयर, ब्रेल किट, क्रिकेट बाल, सुनने में सहायक टीचिंग सीखने वाली सामग्री और कई अन्य आर्थोसिस एवं कृत्रिम अंगों के उपकरण वितरित किए गए।

इससे पहले समूचे केरल में 10 से 20 अगस्त 2015 के बीच थामारासेरी, कोईलंडी, वडाकारा एवं कोझिकोड में विभिन्न स्थानों में आयोजित मूल्यांकन शिविर के दौरान करीब 4,000 निशक्तजनों की पहचान की गई और मददगार एवं सहायक उपकरण हासिल किए गए। कोझिकोड की स्वप्ना नगरी के एमराल्ड मैदान में तदनुकूल मददगार उपकरण प्राप्त किए गए।

बहु-विकलांगता के लिए भारत सरकार की शीर्ष संस्था राष्ट्रीय बहु विकलांग व्यक्ति सशक्तीकरण संस्थान (एनआईईपीएमडी) ने केरल सरकार, कृत्रिम अंग निर्माण निगम (एएलआईएमसीओ) और कोझिकोड स्थित विकलांग व्यक्तियों के समग्र क्षेत्रीय केंद्र (सीआरसी) के साथ मिलकर इस कार्यक्रम का आयोजन किया।
इससे पहले तिरुवनंतपुरम में मंत्री ने यह घोषणा की थी कि राष्ट्रीय पुनर्स्थापन विज्ञान एवं निशक्तता अध्ययन विश्वविद्यालय में केंद्र सरकार रु० 1,700 करोड़ का निवेश करेगी।
देश की राजधानी दिल्ली में इससे पूर्व यह घोषणा कर दी गई थी कि विकलांगों को विशेष पहचान पत्र दिए जायेंगे ताकि वो आसानी से चिकित्सा और उपचार की सुविधाएँ ले सकें।
मुख्य चित्र — मूक व वधिर लाभान्वितों को संबोधित करते हुए मंत्री थावरचंद गहलोत