वाराणसी — आपका अपना आंगन स्वच्छ बनेगा तभी आप दूसरे को उसका आंगन स्वच्छ रखने हेतु प्रेरित कर सकेंगे। इसी भावना के साथ वाराणसी में बसे स्वयंसेवक अपने शहर की सफ़ाई के काम में कूद पड़े हैं।
हमने ग़ाज़ीपुर में “स्वच्छ आँगन, स्वच्छ ग़ाज़ीपुर” नारे के साथ कर्मठ स्वयंसेवकों एवं सेविकाओं को स्वच्छता अभियान द्वारा नवीन स्वरूप में कलक्टर घाट को आलोकित करते हुए देखा।
वाराणसी को देख अक्सर लोग हताश होते हैं कि वैभवशाली इस नगरी की आज इतनी दुर्दशा क्यों? क्या यहाँ के निवासियों को साफ़-सफ़ाई पसंद नहीं? इस मिथक को स्वयंसेवक असत्य प्रमाणित कर रहे हैं। सही कहा गया है कि जहाँ चाह है, वहीं राह है।
इसी कथन को सार्थक किया स्वच्छ आँगन टीम ने। जनमानस की संपूर्ण सहभागिता से. कभी गन्दगी से परिपूर्ण रहने वाला कलक्टर घाट आज एक नवीन आभा के साथ आप सभी की राह देख रहा है।







सिद्धार्थ राय, शिवम राय (उम्मीद फॉउन्डेशन) एवं अन्य साथियों के सहयोग से शहर के आम निवासियों को साथ लेकर एक ऐसा प्रयास किया गया जो अन्य लोगों को प्रेरणा देता है। अपने आँगन के साथ-साथ अपने परिवेश को भी स्वच्छ बनाने का बीड़ा उठाया इन संवेदनशील एवं ज़िम्मेदार नागरिकों ने।

स्वयंसेवक सिद्धार्थ राय का कहना है,
पहले जब हम सफाई करते थे तो लोग कहते थे यह तुम्हारा काम नही सफाई कर्मी का है, पर अब सोच बदल गयी है। इतना पर्याप्त है कि प्रधानमंत्री ने झाडू हाथ मे थामी, जिसकी वजह से लोगों की झिझक समाप्त हो गयी सफ़ाई के लिये।
उन्होंने सूचना दी कि संस्कारशाला कलक्टर घाट पर 1 नवम्बर से शुरू कर दी जायेगी और हर रोज़ शाम 4 से 5:30 बजे तक चलेगी।
गंगा किनारे रहने वाले मेरे सभी छोटे दोस्तों के लिए संस्कारशाला बनेगी। यहाँ पर मैं स्वयम् हर रोज़ उपस्थित रहकर बच्चों को पढ़ाऊंगा व उन्हें भविष्य के लिये तैयार करुँगा।
— सिद्धार्थ राय ने बताया.
#swachhAangan आज मा0मनोज सिन्हा जी , रेल राज्य मन्त्री ने भी साथ मिल कर सफाई की @narendramodi @sbmvns @AnupamkPandey pic.twitter.com/eOwvd1y8kf
— Sidhdharth Rai (@siddharthgzp) September 6, 2015
युवाओं की टीम के साथ जनमानस की सहभागिता से परिपूर्ण यह सराहनीय प्रयास ज़नाना घाट पर निरंतर जारी है।
Incredible effort by team, lead by @siddharthgzp #SwachhAangan ; making best possible efforts to make 'Clean-Green Ghazipur' #MyCleanIndia
— Anupam Pandey (@AnupamkPandey) September 13, 2015
इस रिपोर्ट के लेखक स्वयं इस अभियान में भाग ले रहे हैं और इसमें एक अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। यह रिपोर्ट उनका अपना परिप्रेक्ष है।
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