पूर्वी लद्दाख की गलवान वैली में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुए हिंसक झगड़े के बाद अब पूरा भारत बोल रहा है, चीन के साथ व्यापार के दायरे को घटाया जाए। पिछले कुछ दिनों में कई मंत्रालयों ने चीनी कंपनियों को दिये टेंडर रद्द कर दिए हैं। यह सलाह जारी की गई है कि जहां तक संभव हो प्रोजेक्ट्स में चीनी सामान के इस्तेमाल से बचें।
चीन ने कुछ भारतीय कंपनियों में बड़ा निवेश किया है और भारतीय व्यापार क्षेत्र में उसके कदम पड़ चुके हैं। चीनी फर्मों ने देश के कुछ प्रतिष्ठित ब्रांड्स जैसे ओला, पेटीएम, फूड-डिलीवरी ऐप जोमैटो और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म फ्लिपकार्ट में भारी निवेश किया है।
भारत और चीन के बीच जारी तनाव के बीच चीन की ग्रेट वॉल मोटर ने बुधवार को महाराष्ट्र सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करके भारतीय बाजार में अपने प्रवेश की दिशा में एक और कदम की घोषणा की। ग्रेट वॉल मोटर ने मंगलवार को महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे और भारत में चीनी राजदूत सुन वेदोंग की मौजूदगी में एमओयू पर हस्ताक्षर किए।
इसे भी पढ़े: Modi: Indian economy on right track to recovery
चीन कस्टम डिपार्टमेंट आधार पर वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार चीन के साथ भारत का द्विपक्षीय व्यापार 2019 में लगभग 80 बिलियन डॉलर का था। भारत के बीजिंग दूतावास की वेबसाइट पर पोस्ट किए गए डेटा के अनुसार जनवरी और नवंबर 2019 के बीच 84.3 बिलियन डॉलर का कुल द्विपक्षीय व्यापार हुआ हैं। पिछले वर्ष के 95.7 बिलियन डॉलर से लगभग 3.2% की गिरावट दर्ज की गई।
चीन भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है लेकिन बड़ा व्यापार घाटा भी है। भारत, जितना सामान चीन को बेचता है उससे कहीं अधिक चीन से खरीदता है। भारत के कुल आयात में औसतन 16% हिस्सा चीन का है। भारत के कुल निर्यात में चीन का हिस्सा सिर्फ 3.2% है। यह भारत के लिए घाटे का सौदा है।
इसे भी पढ़े: Intelligence agencies red flag use of 52 mobile apps with Chinese links
एफडीआई इंटेलिजेंस द्वारा प्रकाशित एक 22 अप्रैल की रिपोर्ट के अनुसार साल 2019 में ’19 इन्बाउन्ड प्रोजेक्ट्स थे जो रूस में निवेश की गई आठ परियोजनाओं के दोगुने से अधिक है।’ थिंक-टैंक गेटवे हाउस के आंकड़ों के अनुसार भारत में 1 बिलियन डॉलर के निवेश भारतीय स्टार्ट-अप्स में किये गए हैं।
साल 2018 में अलीबाबा ने ऑनलाइन मार्केट बिग बास्केट में 216 मिलियन डॉलर (16 अरब रुपये से ज्यादा) का निवेश किया। इसने फूड डिलीवरी ऐप जोमाटो में भी 210 मिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश किया। ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म फ्लिपकार्ट में 700 मिलियन अमेरिकी डॉलर के अलावा, टेंसेंट ने ओला में 400 मिलियन डॉलर का निवेश किया। इस निवेश ने भारत की टेक फर्म द्वारा सबसे अधिक विदेशी निवेश पाने का रिकॉर्ड बनाया। अलीबाबा, पेटीएम में भी एक बड़ा निवेशक है, जबकि टेंसेंट ने बीजेव्हाईयू के एजुकेशन स्टार्ट-अप में निवेश किया है।
भारत चीन को कपास, धागा, जैविक रसायन, अयस्क, प्राकृतिक मोती, कीमती पत्थरों और कपड़ों का निर्यात करता है। भारत में चीनी से आने वाले सामान में इलेक्ट्रिक मशीनरी, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, परमाणु रिएक्टर, बॉयलर, सौर ऊर्जा से जुड़े सामान और पीपीई शामिल हैं।
You must log in to post a comment.