राजस्थान के बाराँ ज़िले में बुधवार को सामने आए दो नाबालिग़ बहनों से दुष्कर्म की घटना पर मुख्यमंत्री गहलोत ने गुरुवार सुबह सफ़ाई दी। उन्होंने ट्वीट किया कि हाथरस में हुई घटना बेहद निंदनीय है, उसकी जितनी निंदा की जाए उतनी कम है। लेकिन दुर्भाग्य से राजस्थान के बाराँ में हुई घटना को हाथरस की घटना से तुलना की जा रही है जबकि बाराँ में बालिकाओं ने स्वयं मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए दिए बयानों में अपने साथ ज़्यादती नहीं होने एवं मर्ज़ी से लड़कों के साथ घूमने जाने की बात कही।
गहलोत ने लिखा कि बालिकाओं का मेडिकल जाँच भी करवाई गई। जाँच में सामने आया है कि लड़के भी नाबालिग़ हैं। जांच आगे भी जारी रहेगी। घटना होना एक बात है और कार्यवाही होना दूसरी। घटना हुई तो कार्यवाही भी तत्काल हुई। मुख्यमंत्री के अनुसार इस केस को मीडिया का एक वर्ग और विपक्ष हाथरस जैसी वीभत्स घटना से तुलना करके प्रदेश और देश की जनता को गुमराह करने का काम कर रहे हैं।
बाराँ की घटना
बाराँ में पीड़ित लड़कियों के परिजनों का कहना है कि 18 से 21 सितंबर तक बदमाशों ने दो नाबालिग़ लड़कियों को अपहरण कर कोटा, जयपुर और अजमेर में उनके साथ सामूहिक बलात्कार किया। संदिग्ध बलात्कारियों ने नाबालिग़ लड़कियों को पुलिस के सामने कुछ बोलने पर जान से मारने की धमकी भी दी। इस दौरान इन बदमाशों को गिरफ़्तार कर फिर छोड़ दिया गया। और लड़कियों को सखी केंद्र भेज दिया गया।
दोनों बदमाशों ने कैमरे पर नशीले पदार्थ पिलाकर सामूहिक बलात्कार करने की बात स्वीकार की। इस मामले में पुलिस और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का दावा है कि नाबालिग़ लड़कियों ने अपने बयान में बलात्कार के आरोपों से इनकार किया।
पुलिस ने किया आरोपों का खंडन
पुलिस हेडक्वार्टर ने बयान जारी करके बाराँ में 2 नाबालिग बालिकाओं के साथ दुष्कर्म के आरोपों का खंडन किया है। पुलिस का दावा है कि दोनों बालिकाओं ने अपने धारा 164 के बयानों में स्पष्ट किया कि उनके साथ बलात्कार नहीं हुआ है। दोनों बालिकाओं की मेडिकल जाँच करवाई गई जिसमें रेप की पुष्टि नहीं हुई है।
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