बिहार विधानसभा चुनाव के पूरा होने से पहले ही पड़ोसी पश्चिम बंगाल में चुनावी राजनीति गरमाने लगी है। पश्चिम बंगाल के दौरे पर आए केंद्रीय गृह मंत्री और पूर्व भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में राज्य के 294 में से 200 सीटें जीतने का दावा कर राजनीति के ठहरे पानी में हलचल मचा दी है हालांकि अब यह भी सवाल उठने लगा है कि शाह का दावा हक़ीक़त के कितने क़रीब है और क्या भाजपा अपनी मौजूदा सांगठनिक ताक़त के बूते इस लक्ष्य तक पहुंच सकेगी?
शाह के दौरे और उनके दावों से यह भी साफ़ है कि पार्टी के लिए बिहार से ज़्यादा अहमियत पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों की है।अमित शाह बिहार में तो एक बार भी नहीं गए, लेकिन अचानक तीन दिनों के दौरे पर बंगाल पहुँच गए। भाजपा नेता ने अपने दौरे की शुरुआत भी उस आदिवासी-बहुल बाँकुड़ा ज़िले से की जहां बीते पंचायत और लोकसभा चुनावों में पार्टी का प्रदर्शन बेहतर रहा था।
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सत्यान्वेषी भारत के संस्थापक व संपादक कुमार श्रीकांत की एंकरिंग के तहत बहस में भाग लिया ‘सेव बंगाल’ (बंगाल बचाओ) अभियान की राखी मित्र और प्रो-भाजपा तापस पाल, वरिष्ठ पत्रकार पियूष पंत और धनोज कुमार, राजनैतिक विश्लेषक अखिलेश गौतम और सिर्फ़ न्यूज़ के मुख्य संपादक सुरजीत दासगुप्ता ने।
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