जालंधर | पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष कैप्टन अमरिंदर सिंह ने समय पर अपना नामांकन वापस लेने में असफल विद्रोही उम्मीदवारों को रविवार को सख़्त चेतावनी देते हुए उन्हें मंगलवार शाम 5 बजे तक मुकाबले से पीछे हटने या फिर पार्टी से पूरी तरह से निकाले जाने का सामना करने की चेतावनी दी है।
कैप्टन अमरिंदर ने “जन-विरोधी” शिअद व आप को पराजय देने के लिए विद्रोहियों से कांग्रेस द्वारा नामांकित उम्मीदवारों के पक्ष में पीछे हटने व एकजुट होने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि पंजाब व इसके लोगों के हित सर्वोच्च हैं और व्यक्तिगत हितों के लिए इन पर समझौता करने की इजाजत नहीं दी जा सकती।
राज्य के 117 विधानसभा क्षेत्रों में से क़रीब तीन दर्जन हलकों में कांग्रेस प्रत्याशियों को विरोधियों के साथ-साथ अपनों से भी मुक़ाबला करना पड़ रहा है। हालांकि कांग्रेस हाईकमान ने बागियों को अंतिम मौका देते हुए पार्टी से जीवनभर के लिए बाहर करने के संकेत पहले ही दे दिए हैं।
इसके बावजूद बागी अभी भी चुनाव मैदान में डटे हुए हैं। पंजाब में नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद नाम वापसी का समय भी पूरा हो चुका है। इसके बावजूद कांग्रेस पार्टी के अधिकारिक उम्मीदवारों को भीतरीघात से जूझना पड़ रहा है। वर्ष 2012 में कांग्रेस की हार का मुख्य कारण भीतरीघात ही बना था। इस बार भी पार्टी जोखिम के दौर से गुजर रही है।
नाम वापसी के बाद चुनाव मैदान में जमे कांग्रेस के अधिकारिक उम्मीदवारों को पंजाब के सुजानपुर, पठानकोट, बटाला, डेराबाबा नानक, अजनाला, अमृतसर साउथ, कपूरथला, जालंधर (वैस्ट), दिड़बा, सुनाम, भदौड़, अमरगढ़, दसूहा, चब्बेवाल, गढ़शंकर, बंगा, बलाचौर, बसी पठाणा, अमलोह, समराला, लुधियाना (नार्थ), गिल्ल, जगरांव, मोगा, बल्लूआणा, फरीदकोट, रामपूराफूल तथा मोड़ आदि विधानसभा हलके ऐसे हैं जहां कांग्रेस के बागी उम्मीदवार अभी भी चुनाव मैदान में जमे हुए हैं।
कैप्टन ने विद्रोहियों से पार्टी से निकाले जाने से बचने के लिए मुक़ाबले से पीछे हटने के लिए 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है और स्पष्ट किया है कि एआईसीसी निर्देशों को न माने जाने के चलते पार्टी से निकाले जाने का सामना करने वाले बाग़ियों को वापिस लेने के लिए तैयार नहीं है।
इस क्रम में राज्य में कांगे्रस की सरकार आने पर उचित जगह देने के वादे के बावजूद पार्टी नेतृत्व की नामांकन वापस लेने संबंधी अपीलों को सुनने से इंकार करने वाले विद्रोहियों पर बरसते हुए कैप्टन अमरेन्द्र ने कहा है कि यह पूरी तरह से पार्टी के अनुशासनात्मक सिद्धान्तों का उल्लंघन है और इनके लिए किसी भी कीमत पर इजाज़त नहीं दी जा सकती।
कैप्टन ने कहा कि वह विद्रोहियों को आखिरी मौका देते हुए मंगलवार शाम तक अपनी रिटायरमेंट का ऐलान करने का वक़्त देते हैं।
हिंदुस्थान समाचार/संजीव/सुनीत
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