नई दिल्ली — प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के योग को अपनी दैनिक दिनचर्या में शामिल करने के आह्वान से प्रभावित 84% भारतीय योग को स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने के पक्षधर हैं। कुल 75% भारतीयों का यह भी मत है कि कंपनियों को अपने कर्मचारियों के लिए समय-समय पर योग सत्र भी आयोजित करने चाहिए।
न्यूज़ ऐप इन शोर्टस द्वारा कराए गए सर्वे में 1 लाख 752 लोगों ने जवाब दिया। इनमें उन्होंने उपरोक्त मत व्यक्त किया है। तेजी से बदलती जीवन शैली, स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ने और व्यस्त जीवन में रहने वाले 40% भारतीयों का सर्वे में कहना है कि योग से ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है। कुल 32% लोगों का मानना है कि योग से लड़ने की ताक़त बढ़ती है। सात प्रतिशत का मत है कि इससे वजन और मोटापा घटता है तथा व्यक्ति तनदुरुस्त रहता है।
84% भारतीयों ने स्कूली पाठ्यक्रम में योग को जोड़ने पर बल दिया है, तो 10% ने विरोध भी किया है। छह प्रतिशत ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। आम जन का कहना है कि योग रामबाण है जिसे हर आयु के व्यक्ति को करना चाहिए।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कहना है कि वह दिल्ली सरकार के अधीनस्थ स्कूलों में योग को स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्सा बनायेंगे।
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