मंगलवार को श्रीनगर में कश्मीर विश्वविद्यालय के बाहर हुए एक विस्फोट के बाद कम से कम दो लोगों की मौत हो गई है। प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, एक प्रत्यक्षदर्शी ने दावा किया कि विस्फोट ग्रेनेड द्वारा किया गया हालांकि पुलिस को शक है कि यह पेट्रोल बम का धमाका भी हो सकता है।
पुलिस ने बताया कि लोग आज दोपहर ग्रेनेड हमले के दौरान कश्मीर विश्वविद्यालय के सर सैयद गेट के पास खड़े थे।
कल ही जम्मू-कश्मीर पुलिस ने नागरिकों को सचेत करते हुए कहा था कि घाटी में लोग ऐसे स्थानों से दूर रहें जहाँ अक्सर एनकाउंटर होते हैं क्योंकि ऐसी जगहों में विस्फोटक द्वारा हमले की सम्भावना है।
सुरक्षाबलों ने इलाक़े की घेराबंदी कर ली है और तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। आतंकियों की गिरफ़्तारी के लिए पूरे इलाक़े में नाकाबंदी कर दी गई है।
रविवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा के नेतृत्व में पांच सदस्यीय सिविल सोसाइटी के प्रतिनिधिमंडल को सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए श्रीनगर से बाहर जाने की अनुमति नहीं दी गई थी।

इससे पहले 4 नवंबर को श्रीनगर के मौलाना आज़ाद रोड पर एक बाजार के पास लाल चौक इलाके में हुए ग्रेनेड हमले के बाद एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और 22 अन्य घायल हो गए थे।
शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार उस वक़्त तीन आतंकवादी एक मोटरसाइकिल पर आए थे। गुप्तचर विभाग के सूत्रों ने बताया कि इस ग्रेनेड हमले के पीछे भी उन्हीं कका हाथ होने की सम्भावना है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक़ जब श्रीनगर के लाल चौक इलाक़े में ग्रेनेड हमला हुआ तो बड़ी संख्या में नागरिक सड़क पर मौजूद थे। घायलों को नज़दीकी अस्पताल पहुंचाया गया है।
इससे पहले 28 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले के सोपोर बस स्टैंड के पास इक़बाल मार्केट इलाक़े में आतंकवादियों द्वारा एक ग्रेनेड फेंके जाने के बाद कम से कम 19 लोग घायल हो गए थे।
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