वाराणसी | यूपी विधानसभा चुनाव में भगवा ब्रिगेड से मुकाबले के लिए समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के गठबंधन को देख जंग में अपना वजूद बचाने के लिए वामदल के सभी घटक दल भी पहली बार एकजुट हो गए हैं। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माले), लिबरेशन एसयूसीआई (सी) फारवर्ड ब्लॉक, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी संयुक्त रूप से मोदी सरकार के नीतियों का मुकाबला करने के लिए जनता के बीच जाएंगे। गुरुवार को यह जानकारी सीपीएम के प्रदेश सचिव कामरेड हीरालाल ने दी। पत्रकारों को बताया कि सूबे में वामदल मिलकर 140 सीटो पर लड़ेंगे।
वाराणसी शहर के पांच विधानसभा क्षेत्र में दल के प्रत्याशियों का नाम घोषित भी किया। बताया कि शहर दक्षिणी से सीपीएम के शिवनाथ यादव, कैंट से सीपीआई के अजय मुखर्जी, सेवापुरी से सीपीएम के डॉ. श्यामलाल मौर्य, पिंण्डरा से सीपीआई के श्यामलाल सिंह, शहर उत्तरी से माले के प्रत्याशी चुनाव लड़ेंगे। इसके अलावा जनपद चन्दौली के सुरक्षित चकिया विधानसभा से श्रीप्रसाद, भदोही से जगन्नाथ मौर्य, ज्ञानपुर से सुशील श्रीवास्तव, मड़िहान से अधिवक्ता अरविन्द कुमार, छियानबे से धर्मराज, मिर्जापुर शहर से दिनेश यादव वामदलों के अधिकृत उम्मीदवार हैं। उन्होंने कहा कि सभी दल सिर्फ सत्ता के लिए गठबंधन कर चुनाव लड़ रहे है जबकि वामदल ही साम्प्रदायिक शक्तियों का मुकाबला करने में सक्षम है। बताया कि केन्द्र सरकार के जनविरोधी नीतियों का सूबे में बड़ा असर पड़ा है। सूबे में महंगाई, गरीबी जहां बढ़ी है, वहीं युवाओं के रोजगार के अवसर भी कम हुए हैं। सरकार बड़े-बड़े धन्नासेठ के तिजोरी को भरने में जुटी है।
वहीं सपा सरकार पर वार करते हुए वाम दल नेता डा. गिरीश ने कहा कि प्रदेश सरकार की नीतियां भी ऐसी ही रहीं जिससे प्रदेश के किसानों, मजदूरों तथा गरीबों का भला नहीं हुआ। सपा के झगड़े पर उन्होंने कहा कि यह फैमिली ड्रामा है। सपा परिवार जनता को मुद्दों से भटकाने के लिए ऐसा कर रहा है। पिता-पुत्र का झगड़ा केवल ड्रामा है।
“सरकार की इन नीतियों के खिलाफ हम जनता के बीच जाएंगे। जनता सम्प्रदायवाद, जातिवाद, अवसरवाद जनविरोधी नीतियों से ऊब कर परिवर्तन चाहती है,” उन्होंने कहा।
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