नई दिल्ली — मॉनसून सत्र के तीसरे दिन राज्यसभा में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। विपक्ष ने गोहत्या का आरोप लगाकर होने वाली हत्याओं और भीड़ द्वारा हिंसा को प्रमुखता से उठाया। विपक्ष की नारेबाज़ी के चलते राज्यसभा 12:30 बजे तक स्थगित कर दी गई और फिर दोपहर के 2 बजे के उपरान्त दोबारा शुरू हुई।
राज्यसभा सांसद नरेश अग्रवाल ने कहा, “क्या केंद्र सरकार की जानकारी में यह बात है कि गोहत्या के नाम पर हत्याएं हुईं?” वहीं शरद यादव ने भी राज्यसभा में किसानों के मुद्दे पर सरकार को घेरा। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा, “किसानों की समस्या सर्वव्यापी है। सरकार इस पर मौन है। किसानों को क़ीमत मिलने के बजाय गोलियां दी जा रही है। आज भी जंतर-मंतर पर कई किसान संगठन आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन सरकार चुप है।”
केंद्रीय मंत्री हंसराज अहीर ने कहा, “एनसीआरबी में गोहत्या के मुआमलों में होने वाली हत्याओं की अलग से सूची नहीं बनाई जाती। सरकार इन मुआमलों को गंभीरता से लेती है। राज्यों को आदेश दिया गया है कि इस तरह की घटना में तुरंत एफ़आइआर हो।”
राज्यसभा की कार्य़वाही के दौरान माजिद मेमन ने भीड़ द्वारा हिंसा पर कहा, “सरकार यह बताए कि लिंचिंग के पिछले मुआमलों में कहां तक प्रगति हुई। दुनिया में संदेश गया है कि देश में क़ानून का शासन नहीं रह गया है। सरकार इस पर एसआईटी (विशेष अन्वेषण दल) गठित करे।”
वहीं इससे पहले सांसद संतोष अहलावत ने शून्यकाल में कमज़ोर मॉनसून के कारण अपने क्षेत्र में पानी की कमी का मुद्दा उठाया। समाजवादी पार्टी ने सांसदों के वेतन-भत्ते बढ़ाने की मांग की है। वहीं डीएमके ने नीट से छूट की मांग सरकार से की है। कांग्रेस ने सांसदों के अपमान और मंदसौर हादसे का मुद्दा सदन में उठाया है।
सपा नेता नरेश अग्रवाल ने कहा, “हमारी सैलरी (वेतन) हमारे सचिव से भी कम है। सांसदों को सातवें वेतन आयोग के साथ जोड़ दीजिए।” कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा, “हिंदुस्तान में सांसदों को जितना अपमानित किया जाता है, उतना कहीं नहीं किया जाता।”
डीएमके नेता कनिमोझी ने कहा, “तमिलनाडु नीट व्यवस्था से खुद को हमेशा के लिए अलग करना चाहता है। राज्यों के मेडिकल कॉलेजों को राज्य सरकार फंड करती है (धनराशी देती है)।” इसका समर्थन करते हुए सीपीआई नेता डी राजा ने कहा, “मेरी केंद्र सरकार से मांग है कि तमिलनाडु को नीट से छूट दी जाए।”
केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सफाई देते हुए कहा, “नीट का मुआमला कोर्ट में है। हम और स्वास्थ्य मंत्रालय एक-दूसरे के संपर्क में हैं। हमने सभी की अपील का संज्ञान लिया है।”
जेडीयू नेता अली अनवर ने कहा, “सर पर मैला ढोने की प्रथा प्रतिबंधित कर दी गई है, उसके बाद भी जारी है।“ इससे पहले सीपीआईएम महासचिव सीताराम येचुरी ने राज्यसभा में गौ रक्षा के नाम पर हिंसा और ध्रुवीकरण के मुद्दे पर कार्यस्थगन का नोटिस दिया था।
राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे के बाद जारी
राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे के बाद एक बार फिर से प्रारम्भ हो गई है। उच्च सदन में अभी मॉब लीचिंग (भीड़ द्वारा हिंसा) के मुद्दे पर चर्चा चल रही है। विपक्ष सरकार पर इस मुद्दे को लेकर हमलावर है। कांग्रेस ने दलित उत्पीड़न और अल्पसंख्यकों के मुद्दे सदन में उठाये हैं।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता ग़ुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री राजनाथ सिंह सदन में जवाब दें। आज़ाद ने कहा कि झारखंड लिंचिंग का अखाड़ा बन गया है; “बल्लभगढ़ में ईद के लिए सामान ख़रीदने गए जुनैद की हत्या कर दी गई, लेकिन एक आदमी ट्रेन में उसे बचाने के लिए नहीं निकला। हम अपने देश में कर्तव्य का पालन नहीं कर रहे हैं। लोगों के सामने लिंचिंग होती रहती है, लेकिन हम बचाने की कोशिश नहीं करते।”
आज़ाद ने कहा, “यह देश राम, गौतम बुद्ध, महावीर, गुरुनानक देव और गांधी जी का है। सभी ने ‘सर्वधर्म समभाव’ की बात कही। देश में जो घटनाएँ हो रही हैं, वह चिंता का विषय है।”
आज़ाद ने दलितों पर उत्पीड़न मुद्दे पर कहा, “सहारनपुर में दलितों के लड़के अभी तक लापता हैं; पता ही नहीं कि वे जिंदा हैं या मर गए हैं। उन्होंने कहा, आज दलितों को और अल्पसंख्यकों को बैंकों से लोन (क़र्ज़) नहीं मिलता है। आज जिस तरह से अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न हो रहे हैं वे मध्यकाल में और ब्रिटिश राज में होते थे।”
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