सेवा में
भवानी सिंह राजावत,
विधायक — लाडपुरा, कोटा, राजस्थान
विषय — भीमपुरा औद्योगिक क्षेत्र स्थित औद्योगिक प्लाट न: 1 |
सन्दर्भ — भीमपुरा औद्योगिक क्षेत्र में 22 अप्रैल 88 को मुझे उद्योग की स्थापना के लिए प्लाट न० 1 आवंटित किया गया, जिसमें आवंटन के समय से में क़ाबिज़ हूँ। मैंने अपने सभी निर्माण कार्य कर रखे थे जिसकी सूचना मैं लगातार ज़िला कलेक्टर श्री जोगाराम एवं ज़िला उद्योग केंद्र को देता रहा हूँ। दिनांक 2 -3 फ़रवरी को भू-माफ़िया अंजुम चौधरी और अन्य असामाजिक तत्वों ने मेरे उपरोक्त स्थापित उद्योग पर भारी तोड़फोड़ की जिसपर थाना अनंतपुरा में FIR 61 /14 दर्ज की गई, जिसपर न्यायालय द्वारा अभियुक्तों को धारा 427 एवं 447 में पाबंद किया गया। न्यायालय अपर न्यायिक मजिस्ट्रेट क्रम 5 दक्षिण कोटा द्वारा मेरे इस्तगासे पर प्रकरण अंतर्गत धारा 420 /467 /468 /471 /448 /120 B के अंतर्गत दर्ज करने के निर्देश पर थाना अनंतपुरा कोटा द्वारा FIR No 345 दिनाँक 11 जून 2014 दर्ज की गई लेकिन इतने गंभीर अपराध पर भी अभी तक नामज़द आरोपियों को गिरफ्तार करके कड़ाई से पूछताछ भी नहीं की गई तथा मुख़्तारनामे में वर्णित सभी लोगों के बयान भी नहीं लिए गए हैं। [FIR प्रति संलग्न] |
महोदय,
आश्चर्यजनक रूप से माननीय ज़िलाधीश श्री जोगा राम को एक तरफ़ इस तथ्य का पता है कि उपरोक्त भू-माफ़िया फ़र्ज़ी मुख्तारनामा — जिनमें मृत लोगों के नाम भी शामिल हैं — का इस्तेमाल करके तथा राजस्व के भ्रष्ट लोगों की मिली-भगत से नक़्शों और रिकॉर्ड्स में हेरा-फेरी कर ज़बरन स्थापित उद्योगों में तोड़फोड़ करके कब्ज़ा करना चाहती है और दूसरी तरफ़ वे उन्हें संरक्षण दे रहे हैं। यह विस्मित करने वाला है।
कई रिपोर्ट्स — जो ज़िलाधीश कार्यालय तथा अन्य द्वारा दी गई — में उद्योगों की स्थिति स्पष्ट वर्णित है, पर इन तथ्यों को भी ज़िलाधीश कार्यालय द्वारा नज़रअंदाज़ किया जा रहा है। स्वयं अंजुम चौधरी द्वारा दिए गए हलफ़नामे में यह ज़िक्र किया गया है कि स्थापित उद्योग की जगह पर कोई अपील नहीं करेंगे।
आश्चर्यजनक रूप से ज़िलाधीश कार्यालय द्वारा अदालतों के आदेश की भी अवमानना की जा रही है तथा उपरोक्त भू-माफ़िया की ख़ातिरदारी की जा रही है। इस माफ़िया के मृत लोगों के नामों से भरे फ़र्ज़ी मुख़्तारनामे पर ACM श्रीमती कृष्णा शुक्ला का ध्यान आकर्षित किया गया था। इसके अलावा उनको यह जानकारी भी है कि फ़ौजदारी न्यायालय द्वारा आरोपियों को धारा 427 एवं 447 में पाबंद किया गया है!
अभी SP श्री सत्यवीर सिंह के भू-माफ़िया से सम्बन्ध उजागर हुए हैं। ज़िलाधीश द्वारा उस माफ़िया को आश्रय देने से प्रशासन की छवि ख़राब होती है।
मैं एक मेरिट-होल्डर इंजीनियर हूँ तथा यह मेरा एकमात्र उद्योग है जिसमे मेरी ख़ून-पसीने की कमाई लगी है। स्वयं माननीय मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे सिंधिया ने केंद्र में मंत्री रहते ज़िलाधीश को मेरे उद्योग हेतु पत्र लिखा था तथा कुछ दिनों पूर्व उन्होंने युवा उद्यमियों को प्रोत्साहन के निर्देश दिए थे। [प्रति संलग्न]
आप से अनुरोध है कि कृपया ज़िलाधीश महोदय को निर्देशित करें कि जब तक माननीय न्यायालय का अंतिम निर्णय नहीं आ जाता तब तक उद्योग को रद्द आदि करने की कार्यवाही न करें एवम् सहानुभूतिपूर्वक विचार करके मेरे उद्योग की तरक़्क़ी में योगदान करने का निर्देश दें।
धन्यवाद!
भवदीय
विजय सिंह पालीवाल,
केमिकल इंजीनियर,
पालीवाल कंपाउंड,
छावनी कोटा 324007
मोबाइल 9414178255
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