कल देर रात भिलाई नगर के सेक्टर 9 स्थित अस्पताल में भिलाई इस्पात संयंत्र के गैस रिसाव पीड़ितों से मुलाक़ात कर उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना की छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने।
“राज्य सरकार जहां हादसे की मजिस्ट्रियल जांच करवा रही है वहीं हादसे की विभागीय जांच भी होगी। इसके अलावा केन्द्रीय इस्पात मंत्रालय ने घटना की गंभीरता को देखते हुए एक उच्च स्तरीय जांच कमेटी बनाने का भी निर्णय लिया है। इस कमेटी में भारतीय इस्पात प्राधिकरण (सेल) का कोई अधिकारी नहीं होगा। अन्य वरिष्ठ अधिकारी होंगे। उच्च स्तरीय कमेटी दो दिन के भीतर गठित कर दी जाएगी और यह समिति तीस दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट देगी। जांच में दोषी पाए जाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी,”मुख्यमंत्री ने लोगों को आश्वस्त करते हुए कहा।
छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में स्थित भिलाई इस्पात संयंत्र में 12 जून की शाम कार्बन मोनो ऑक्साइड और मीथेन गैस के रिसाव से 2 उप महाप्रबंधकों सहित 6 लोगों की तत्काल मौत हो गई थी तथा 30 से अधिक बीमार पड़ गए थे। प्राथमिक जानकारी के अनुसार जीसीपी वॉल्व के फटने से पानी, क्लोरीन और सल्फ़र युक्त पानी रिसने लगा था। पानी की पाइप लाइन के साथ ब्लास्ट फ़र्नेस को दी जाने वाली गैस की पाइपलाइन भी यहीं बिछी है। इसके ठप होने से गैस पाइपलाइन ब्लास्ट हो गई। घटना की जानकारी मिलने पर वहाँ पहुँचे अफ़सर भी इसकी चपेट में आ गए। दमकल विभाग और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षाबल के जवानों ने ब्लास्ट पाइपलाइन को बंद करने का प्रयास किया, पर वे भी विषैली गैस से प्रभावित होने लगे।
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