विशेष सूत्रों से पता चला है कि दिल्ली यातायात पुलिस अब से दिल्ली में चालान के जुर्माने को दोषी व्यक्तियों के क्रेडिट कार्ड से वसूलने को तैयार है। इस पर प्रतिक्रिया जताते हुए के० एन० गोविन्दाचार्य के संगठन राष्ट्रीय स्वाभिमान आन्दोलन (रा०स्वा०आ०) ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि “क्रेडिट कार्ड लोगों को क़र्ज़ के दलदल में डालता है। किसी सरकारी प्रतिष्टान के द्वारा क्रेडिट कार्ड से लिया जाने वाल जुर्माना समाज में क़र्ज़ की संस्कृति को बढ़ाने वाला है। दिल्ली यातायात पुलिस दिल्ली में यातायात को सुचारु ढंग से चलाने के लिये है न कि पैसा उगाहने वाली और लोगों को क़र्ज़ के जाल में फंसाने वाली संस्था।”
अक्सर क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करने वाले ख़रीदे गए सामान के लिए यह सोच कर नक़द भुगतान नहीं करते कि उनपर वित्तीय बोझ कम से कम महीने भर के लिए कम हो। उस बोझ के अहसास के बिना वे सामर्थ्य से अधिक भी सामान ख़रीद लेते हैं। इस प्रकार क्रेडिट कार्ड उन्हें पैसे ख़त्म न होने का झूठा अहसास दिलाता है। ऐसे में अगर उनके चालान के पैसे भी क्रेडिट कार्ड से कटे तो उन्हें यह बोध कम होगा कि उन्होंने कोई जुर्म किया है जिसकी उनको कोई क़ीमत चुकानी पड़ी।
रा०स्वा०आ० ने दिल्ली यातायात पुलिस के इस निर्णय को “ग़ैर क़ानूनी” और “उपभोक्तावादी” बताते हुए कहा कि इससे पुलिस की यह शाखा “बैंक एजेंट” जैसी बन जायेगी। संगठन ने तत्काल इस “जन विरोधी निर्णय” को वापस लेने की मांग की है।
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