कपड़ा मंत्रालय ने आज घोषणा की कि विकास आयुक्त (हथकरघा) के ज़रिए मंत्रालय ने हथकरघा बुनकरों को ऑनलाइन मार्केटिंग प्लॅटफ़ॉर्म मुहैया करवाने के लिए फ़्लिपकार्ट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के साथ एक सहमति पत्र (एमओयू) परहस्ताक्षर किया है। इसका मुख्य उद्देश्य हथकरघा क्षेत्र को प्रोत्साहन देना, बुनकरों को सशक्त बनाना और देश में विनिर्माण को नई गति प्रदान करना है।
कपड़ा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संतोष कुमार गंगवार, सचिव (कपड़ा) संजय कुमार पांडा, विकास आयुक्त (हथकरघा) दिनेश कुमार, कॉर्पोरेट मामलों के अध्यक्ष जॉय बंडेकर, फ़्लिपकार्ट के उपाध्यक्ष (मार्केटप्लेस) अंकित नागोरी एवं कपड़ा मंत्रालय के अन्य अधिकारियों की मौजूदगी में इस एमओयू पर यहाँ हस्ताक्षर किए गए। एमओयू पर विकास आयुक्त (हथकरघा) दिनेश कुमार और फ़्लिपकार्ट के उपाध्यक्ष (मार्केटप्लेस) अंकित नागोरी ने हस्ताक्षर किए।
फ़्लिपकार्ट इस विशेष क़रार के ज़रिए भारत में बुनकरों को ऑनलाइन मार्केटिंग प्लॅटफ़ॉर्म और आँकड़ों के विश्लेषण से संबंधित ढांचागत सुविधाएँ मुहैया करवाने के साथ-साथ ग्राहकों के अधिग्रहण में भी मदद करेगी ताकि उन्हें अपने उत्पादों के उचित मूल्य मिल सकें और उनका व्यवसाय भी फल-फूल सके।
विकास आयुक्त (हथकरघा) के कार्यालय के ज़रिए कपड़ा मंत्रालय एक मज़बूत, प्रतिस्पर्धी और गतिशील हथकरघा क्षेत्र विकसित करने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है ताकि हथकरघा बुनकरों को निरंतर रोज़गार नसीब हो सके। मंत्रालय ने हथकरघा नीतियाँ, कार्यक्रम और योजनाएँ बनाने के साथ-साथ उन पर अमल, निगरानी और समीक्षा सुनिश्चित करते हुए हथकरघा उद्योग के निरंतर विकास को बढ़ावा देने के लिए एक केंद्रित, लचीला और समग्र रुख़ अपनाया था। इसका मुख्य उद्देश्य कौशल विकास, बाज़ार ढाँचा और जीवन स्तर वग़ैरह को बेहतर करते हुए हथकरघा क्षेत्र को बढ़ावा देना था।
कपड़ा मंत्रालय ने विपणन में मदद के लिए समय-समय पर अनेक क़दम उठाए हैं जिनमें घरेलू विपणन कार्यक्रम आयोजित करना, अंतर्राष्ट्रीय मेलों में हिस्सा लेना और क्रेता-विक्रेता बैठकें आयोजित करना आदि शामिल हैं। हालांकि ऑनलाइन मार्केटिंग और इंटरनेट का ज्ञान रखने वाले उपभोक्ताओं के मौजूदा परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए हथकरघा बुनकरों को ऑनलाइन मार्केटिंग प्लॅटफ़ॉर्म मुहैया करवाना ज़रूरी समझा गया ताकि सुदूर गाँवों में तैयार होने वाले ख़ास हथकरघा उत्पाद इच्छुक ख़रीदारों को उपलब्ध हो सकें।
हथकरघा बुनकरों के लिए पहली बार इस तरह का समन्वित प्रयास फ़्लिपकार्ट के साथ मिलकर किया गया है जिससे बाज़ार की समझ,बाज़ार तक पहुँच और ढुलाई संबंधी सुविधाओं के टूटे हुए तारों को जोड़ने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही भारतीय बुनकरोंको अपने उत्पादों के उचित मूल्य मिलने में भी मदद मिलेगी। फ़्लिपकार्ट बुनकरों/कुशल शिल्पकारों/राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त लोगों/राज्य स्तरीय पुरस्कार प्राप्त व्यक्तियों और हथकरघा के विकास आयुक्त की सलाह पर चुने गये लोगों को उत्पाद बेचने के लिए ऑनलाइन मार्केटप्लेस मुहैया कराएगी। इसके लिए वे उपर्युक्त लोगों तक पहुँचेंगे क्योंकि उनके पास न तो ब्रांड है, न ही अपने शहर अथवा गाँव में कोई स्टोर खोलने के लिए पैसा है और न ही अपने उत्पादों की बिक्री के लिए जगह-जगह यात्रा करने की हैसियत है। फ़्लिपकार्ट अथवा उनके कारोबारी भागीदार बुनकरों के उत्पादों को इकट्ठा करने के लिए कलेक्शन सेंटर भी खोलेंगे।
फ़्लिपकार्ट ने देश में अपने सर्वाधिक विशाल उपभोक्ता आधार के बल पर बुनकरों को उनके उपलब्ध आँकड़ों का अधिकतम इस्तेमाल करने में मदद देने का लक्ष्य रखा है। इससे उद्यमियों और कारीगरों को उचित बिक्री मूल्य तय करने, स्वत: भुगतान, समुचित पैकेजिंग, ढुलाई और ब्रांड निर्माण वग़ैरह में मदद मिलेगी।
फ़्लिपकार्ट द्वारा मुहैया करवाये जाने वाले आँकड़ा विश्लेषण और बाज़ार समझ की सुविधा से बुनकरों को केवल ऐसे उत्पादों पर अपना ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलेगी जो बिक्री के लिहाज़ से कहीं बेहतर साबित होंगे। इससे बुनकरों को अपने उत्पादन और तैयार माल के बारे में योजना बनाने और अपने कारोबार के विस्तार में मदद मिलेगी। इससे ग्रामीण भारत में विनिर्माण के क्षेत्र में क्रांति आएगी और उद्यम को बढ़ावा मिलेगा।
इस भागीदारी से कारीगरों का ख़रीदारों से सीधा जुड़ाव होगा और मार्गदर्शन, पैकेजिंग, संग्रहण एवं ख़रीदारों को फ़्लिपकार्ट से मिलने वाली मदद से ग्रामीण भारत के कारीगरों का मनोबल बढ़ेगा। उत्तर-पूर्व के कुशल बुनकरों के पास शानदार परंपरागत डिज़ाइन तो बहुतायत में उपलब्ध हैं, लेकिन बाज़ार संपर्क के अभाव में वे बाज़ार का दोहन करने में असमर्थ हैं। इसी तरह महाराष्ट्र के पैठानी और हिमरू बुनकर भी अत्यंत कुशल माने जाते हैं, लेकिन उनकी कला की क़द्र नहीं हो पा रही है।
कपडा मंत्री ने इस समारोह को संबोधित करते हुए सभी संगठनों के प्रमुखों को बधाई दी और कहा कि बुनकरों के उत्थान और उनकी सफलता सुनिश्चित करने के लिए उन्हें अथक प्रयास करने चाहिए। उन्होंने कहा कि लक्षित केंद्रों में बुनकरों की बिक्री और प्रगति की समय-समय पर समीक्षा की जानी चाहिए। मंत्री ने इस बात पर ज़ोर दिया कि इस संगठन को बुनकरों तथा इन उद्यमियों की मदद इस तरह से करनी चाहिए जिससे कि वे ख़रीदारों की ज़रूरतों के मुताबिक़ उत्पाद तैयार कर सकें और इसके साथ ही उनका विकास इस तरह से हो जिससे कि वे न केवल स्थानीय, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी निर्माताओं के तौर पर उभर सकें।
पत्र सूचना कार्यालय
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